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उत्तराखंड पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने हल्द्वानी में वनाधिकार के बहाने कार्यकर्ताओं को किया सक्रिय.क्या मकसद था आइये पढ़ते हैं@हिलवार्ता

हल्द्वानी विठौरिया में एक वेंकट हाल में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने वनाधिकार (एक जनांदोलन ) के संयोजक बतौर बड़ी मीटिंग की है मीटिंग में बुलाने से पूर्व कहा गया है कि प्रदेशवासियों को वनों में उनके हक हकूक दिलाने की मुहिम उनके लोग चला रहे हैं जिसमे प्रदेशभर से बुद्धिजीवी उनका साथ देने का वादा कर रहे हैं.

कभी कांग्रेस हाईकमान पर गहरी पैठ रखने वाले उत्तराखंड के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय आजकल प्रदेश भर में उत्तराखंडियों को वनाधिकार दिलाने की मुहिम के बहाने लोगों के बीच निकले हैं.कांग्रेस में तेजतर्रार नेताओं में शामिल किशोर को कभी युवा तुर्क कभी कुशल संगठन कर्ता के रूप में पहचान मिली.एक समय तक हरीश रावत के करीबी लोगों में शामिल किशोर,और हरीश रावत के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनसे किनारा कर लिए. पहले वाक युद्ध चला फिर सरकार और संगठन में मतभेद की खबरें आने के बाद से रावत गुट से किशोर अलग थलग पड़ गए.

2019 लोकसभा चुनाव में बुरी तरह मात खाई कांग्रेस में हरीश रावत और इंदिरा हृदयेश/प्रीतम सिंह के बीच गुटबाजी की खबरें आम हैं इसी बीच किशोर की सक्रियता इन दोनों गुटों के लिए खलबली पैदा करने वाली है,पार्टी के कार्यकर्ताओं से बातचीत के बीच इस बात का पता चला है कि हरीश रावत और इंदिरा/ प्रीतम गुट के इतर कांग्रेस में बड़ा तबका ऐसा भी है जो अपनी राजनीतिक जमीन किशोर जैसे संगठनकर्ता को आगे कर तैयार करना चाहता है.
यह बात जाहिर है कि इस बीच किशोर को अपनी सक्रियता बढ़ा ली है आज हल्द्वानी स्थित विठोरिया नंबर 2 स्थित विष्णुप्रिया वेंकट हाल में किशोर उपाध्याय ने वनाधिकार (एक जनांदोलन) के बैनर तले मीटिंग कर इस बात के संकेत दे दिए हैं कि बदली परिस्थितियों में एक और कांग्रेस कार्यकर्ताओं का गुट प्रदेश की राजनीति में सक्रिय हो रहा है जिसके परिणाम आने वाले समय मे दिख सकते हैं .

किशोर ने वनाधिकार जिसमे प्रदेशवासियों को उनके हक हकूक दिलाने की बात की जा रही है के बहाने अपने पुराने साथियों को एक जुट करने की मुहिम चला डाली है.हल्द्वानी में किशोर को अच्छी खासी पुराने कार्यकर्ताओं का सहयोग मिला है जिसमे दर्जा राज्यमंत्री से लेकर पूर्व मंत्री पंचायत प्रतिनिधियों सहित संगठन के करीबी लोग शामिल रहे, माना कि किशोर के साथ मीटिंग में शामिल लोगों ने इसे गैर राजनीतिक कहा हो लेकिन यह समझने की बात है कि किशोर की इस सक्रियता के मायने राज्य के लोगों को वनाधिकार दिलाना ही या कुछ और?
जानकार मानते हैं कि कार्यक्रम में पहुचे कार्यकर्ताओं में अधिकतर लोग कांग्रेस से ही जुड़े हुए लोग थे इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि कांग्रेस में प्रदेश स्तर पर एक बार फिर सांगठनिक बदलाव की हलचल शुरू हो रही है इससे इनकार नही किया जा सकता है.
हिलवार्ता न्यूज डेस्क
@hillvarta.com

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