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रामनगर: गर्भवती की मौत के जिम्मेदारों के खिलाफ कार्यवाही की मांग,मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा,खबर@हिलवार्ता

एक दिन पहले मौलेखाल (अलमोड़ा ) की गर्भवती महिला की मौत को लेकर रामनगर सहित महिला के गांव में गुस्सा है । प्रधान संगठन के पूर्व अध्यक्ष ने जहां मुख्यमंत्री को पत्र भेज आक्रोश व्यक्त किया है जबकि रामनगर में आज देवभूमि विकास मंच ने प्रदर्शन किया है ।

उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली जारी है मामला गत सोमवार का है मोलेखाल अलमोड़ा जिले के देवालय गांव की 24 वर्षीय महिला की समय पर इलाज नहीं मिलने की वजह मौत हो गई । जानकारी के अनुसार मंजू देवी गर्भवती थी प्रसव पीड़ा के बाद उसे स्थानीय अस्पताल ने रामनगर रेफर कर दिया । पीपीपी मोड पर चल रहे अस्पताल में एक दिन भर्ती रहने के बाद उसे और उच्च सेंटर हल्द्वानी भेज दिया गया रास्ते मे उसकी मौत हो गई । महिला के गर्भ में जुड़वा बच्चे थे और तीनों बदहाली के शिकार हो गए ।

बताया जा रहा है कि गांव से रामनगर लाने के लिए महिला को 108 एम्बुलेंस भी नहीं मिल पाई जिसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की गई है । पूर्व प्रधान संगठन के गोपाल रावत का आरोप है कि उचित इलाज के अभाव में महिला और दो गर्भस्त शिशुओं की मौत हुई है ।

इधर घटना को लेकर रामनगर में जागरूक लोगों ने आज सीएमएस से मिलकर घटना की जांच कराने की मांग की है । स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने, समुचित इलाज ना मिलने के कारण मंजू देवी, उसके गर्भ में पल रहे जुड़वा बच्चों की असमय मृत्यु से आक्रोशित देव भूमि विकास मंच से जुड़े सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने सीएमएस कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया तथा मुख्यमंत्री ,विधायक ,जिलाधिकारी ,सीएमओ ,उपजिलाधिकारी ,अस्पताल प्रबंधन को अपनी मांगों से संबोधित ज्ञापन दिया।

प्रदर्शनकारियों में इस बात को लेकर भारी आक्रोश था कि प्रदेश में बदहाल स्वास्थय सेवाओं के कारण बड़ी सख्यां में लोग असमय ही मौत के शिकार हो रहे हैं। माननीय तीरथ सिंह रावत जो प्रदेश के मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ स्वास्थय मंत्रालय भी उनके मातहत है ,साथ ही रामनगर से सांसद भी है उसके बावजूद अस्पताल बदहाल है।पीपीपी मोड़ में देने के बाद अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं और खराब हो गई है । अनुबंध के बावजूद अस्पताल में जरूरी सुविधायें न होने के कारण आज भी यह अस्पताल रैफरल सेन्टर मात्र बन कर रह गया है।

मुख्यमंत्री,उनके मंत्री, पार्टी संगठन के पदाधिकारी गण जब रामनगर में विधानसभा चुनाव जीतने के लिये चिंतन शिविर में चिंतन व रणनीति बनाने में मशगूल थे ठीक उसी समय 28 जून सांय 5 बजे एक 24 वर्षीय महिला श्रीमती मंजू देवी पत्नी श्री लक्ष्मण सिंह निवासी देवायल सल्ट अल्मोड़ा जिसके गर्भ में जुड़वा बच्चे पल रहे थे दम तोड़ देती है। मुख्यमंत्री एवं उनकी सरकार के संज्ञान में आने के बावजूद मौन साध लेते हैं। मृतका के साथ आये परिजनो से वहां मौजूदअस्पताल का स्टाफ असंवेदनशीलता का परिचय देते हुए मृतक के शरीर पर लगी नलियों को निकालने से मना कर देता है ।

सामाजिक-राजनैतिक संगठनों से जुडे लोगो ने मुख्यमंत्री व अन्य को भेजे ज्ञापन में मांग की है कि बदहाल स्वास्थय सेवाओं के कारण समय पर मरीजों को समुचित इलाज ने मिलने के कारण असमय हो रही मौतों की जिम्मेदारी व जबाबदेही लेते हुये स्वास्थय सेवाओं को दुरस्थ करने ,श्रीमती मंजू देवी व उसके गर्भ में पल रहे जुड़वां बच्चों की अस्पताल में समुचित इलाज न मिलने के कारण असमय हुई मौत की जांच कर आवश्यक कार्यवाही करने, श्रीमती मंजू देवी के निधन के बाद संयुक्त चिकित्सालय के स्टाफ द्वारा जो असंवेदनशील का परिचय दिया उनके खिलाफ कार्यवाही करने, मृतका के परिजनों को उसकी दो मासूम बेटियों को ध्यान रखते हुए उचित मुवाअजा देंने की मांग की गई है। प्रदर्शन करने वालों में मनमोहन अग्रवाल, प्रभात ध्यानी, मुनीश कुमार,मनिन्दर सिंह सेठी,लालमणी, ललिता रावत, ललित उप्रेती,इंदर सिंह मनराल, गोपाल असनोड़ा,किरन, पंकज, रईस अहमद,तुलसी छिम्बाल,एस आर टम्टा, गवर सिंह बिष्ट, सरस्वती जोशी, कौशल्या, केसर राणा, दीपक सुयाल, आशा बिष्ट, जगदीश पांथरी मौजूद रहे ।

हिलवार्ता न्यूज डेस्क




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