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पद्मभूषण,पद्मश्री,प्रो. खड्ग सिंह वल्दिया नहीं रहे,85 वर्षीय भूगर्भ वैज्ञानिक का बेंगलुरु में हुआ निधन,खबर@हिलवार्ता

जाने माने भू विज्ञानी प्रोफेसर खड्ग सिंह वल्दिया का आज बेंगलुरु में निधन हो गया है वह 85 वर्ष के थे । राष्टीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रोफेसर वल्दिया का भूगर्भ विज्ञानियों में बड़ा नाम रहा है । पद्मभूषण, पद्मश्री वल्दिया का निधन देश और उत्तराखंड के लिए अपूरणीय क्षति है ।

प्रो.वल्दिया ने लखनऊ विश्वविद्यालय से पीएचडी की और लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रवक्ता के तौर पर उन्होंने 1957 से 1969 तक शिक्षण कार्य किया उसके बाद राजस्थान विश्वविद्यालय उदयपुर 1969 से 1970 तक बतौर रीडर, अध्यापन किया । 70 से 73 तक वाडिया इंस्टीट्यूट वर्ल्ड इंस्टिट्यूट मैं वरिष्ठ वैज्ञानिक के तौर पर कार्य किया कुमायूं विश्वविद्यालय से डॉक्टर वल्दिया का 20 वर्षों तक नाता रहा उन्होंने यहां विभिन्न पदों पर रहते हुए अपनी अमित छाप छोड़ी 1976 से लगातार विश्वविद्यालय से जुड़े रहे उन्होंने एक कुमाऊं विश्वविद्यालय मे विभागध्यक्ष और कुलपति के तौर पर अपनी सेवाएं दी ।

फ़ाइल फ़ोटो प्रो. खड्ग सिंह वल्दिया

प्रोफ़ेसर वल्दिया देश के उन गिने-चुने शिक्षाविदों में रहे जिन्हें शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार, लखनऊ विश्वविद्यालय से चांसलर आवाज जियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया द्वारा रामा राव गोल्ड मेडल यूजीसी द्वारा राष्ट्रीय प्रवक्ता सम्मान ,पर्यावरण विभाग द्वारा पंडित पंडित पंत राष्ट्रीय फेलोशिप, राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी द्वारा एसके मिश्रा अवार्ड ,राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी द्वारा इंडिया मेडल ,पद्मश्री और पद्मभूषण सहित अनेकों राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय आ वार्ड उनके नाम रहे । 2007 में उन्हें पद्मश्री और 2015 में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा पद्मभूषण से नवाजा गया ।

हिमालयन, जियोलॉजी के आप विशेषज्ञ थे। भूगर्भविज्ञान, पर आपकी एक दर्जन से अधिक उत्कृष्ट पुस्तकें प्रकाशित हैं, जो पूरी दुनिया के विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रम में पढ़ाई जाती है कुमायूं विश्वविद्यालय के डी एस बी परिसर में भूगर्भ विज्ञान विभाग को उत्कृष्टता के शिखर पर पहुंचाने में आपका योगदान रहा है।प्रो.वल्दिया जवाहरलाल नेहरू इंस्टिट्यूट ऑफ एडवांस साइंटिफिक रिसर्च के इमिरेटस प्रोफेसर भी रहे प्रो.वल्दिया का पहाड़ से काफी लगाव था इसी वजह उनके आग्रह पर भारत रत्न प्रोफेसर सीएनआर राव भी पिथौरागढ़ और गंगोलीहाट आये और साइंस आउटरीच प्रोग्राम से जुड़े।
प्रोफेसर खड्ग सिंह वल्दिया को एक संपूर्ण संस्था कहा जाए तो यह अतिश्योक्ति नहीं होगी ।

प्रोफ़ेसर वल्दिया के निधन से शिक्षा जगत में शोक की लहर है शांत सरल व्यक्तित्व के धनी वैज्ञानिक को हिलवार्ता की अश्रुपूरित श्रद्धांजलि ।

हिलवार्ता न्यूज डेस्क

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